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सामुदायिक भागीदारी: बच्चों के समग्र विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका

राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 भारत की शिक्षा प्रणाली में सुधार और आधुनिकीकरण के उद्देश्य से लागू की गई एक व्यापक नीति है। यह नीति छात्रों के समग्र विकास पर जोर देती है और शिक्षा को अधिक समावेशी, सुलभ, और प्रासंगिक बनाने का प्रयास करती है। NEP 2020 में सामुदायिक भागीदारी को एक महत्वपूर्ण कारक माना गया है, क्योंकि यह नीति शिक्षा को एक सामाजिक जिम्मेदारी और सामुदायिक सहयोग के माध्यम से सशक्त बनाने का दृष्टिकोण प्रस्तुत करती है। बच्चों के समग्र विकास के लिए स्कूलों में सामुदायिक भागीदारी की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। जब विद्यालय, परिवार और समुदाय एकजुट होकर कार्य करते हैं, तो यह एक ऐसा वातावरण बनाता है जो बच्चों के शैक्षणिक, सामाजिक, भावनात्मक और शारीरिक विकास को प्रोत्साहित करता है। सामुदायिक भागीदारी बच्चों को उनके जीवन के हर पहलू में बेहतर बनने का अवसर प्रदान करती है।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 भारत की शिक्षा प्रणाली में व्यापक सुधार और आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह नीति बच्चों और युवाओं को 21वीं सदी की आवश्यकताओं के अनुसार तैयार करने के लिए एक समग्र दृष्टिकोण प्रदान करती है। NEP 2020 में कौशल शिक्षा (Skill Education) पर विशेष जोर दिया गया है ताकि विद्यार्थियों को व्यावहारिक ज्ञान, रोजगार के अवसर, और आत्मनिर्भरता के लिए सक्षम बनाया जा सके।

सामुदायिक सहभागिता के तहत "सपनों की उड़ान" कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों के सपनों को आकार देने और उन्हें प्रेरणा प्रदान करना था। कार्यक्रम में विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया, जिसमें छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों ने सक्रिय भागीदारी दिखाई। वक्ताओं ने छात्रों को उनके लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया और शिक्षा के महत्व पर बल दिया।

विद्यालय की प्रधानाध्यापक नंदा रावत ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम छात्रों को आत्मविश्वास प्रदान करते हैं और उनके भविष्य निर्माण में सहायक होते हैं। कार्यक्रम में छात्रों ने नृत्य, नाटक और कला प्रदर्शन के माध्यम से अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।


विद्यालय के पूर्व छात्र सुमित द्वारा बच्चों एवं अभिभावकों को पीरूल से टोकरी बनाना सिखाया गया जिसे सभी दर्शकों द्वारा सराहा गया। साथ ही महिला प्रेरक समूह द्वारा कौशल विकास हेतु बच्चों को स्थानीय घास की सहायता से रस्सी एवं झाड़ू बनाने की कला से अवगत करवाया गया। कार्यक्रम का समापन डॉ अतुल बमराडा द्वारा धन्यवाद ज्ञापन और छात्रों को प्रोत्साहन पुरस्कार देकर किया गया। इस अवसर पर महिला प्रेरक समूह के सदस्यों बीना देवी, सारती देवी, मीना, साक्षी, शिल्पा, मंजू एवं अन्य ग्रामीणों द्वारा पारंपरिक मांगल गीत भी गाये गए। इस आयोजन को सभी अभिभावकों ने सराहा और इसे सफल बनाने में विद्यालय समुदाय का सराहनीय योगदान रहा

Press Coverage of the Program 13 Dec 2024
Press Coverage of the Program 13 Dec 2024

 
 
 

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