मिट्टी से रची कल्पनाएँ (Clay Modelling)
- PS Chaurnkhal
- May 20
- 2 min read
कक्षा में बच्चों की चहल-पहल और मिट्टी की सौंधी खुशबू के बीच कुछ खास बन रहा है — कुछ ऐसा जो रचनात्मकता, जिज्ञासा और अनुभवात्मक शिक्षण का अद्भुत उदाहरण है। छात्रों द्वारा बनाई गई मिट्टी की विभिन्न वस्तुएँ हैं — छोटे बर्तन, बेलन, प्याले, शंकु, त्रिकोण, और चपटे टैबलेट आदि। ये केवल कलात्मक कृतियाँ नहीं हैं, बल्कि 21वीं सदी के कौशल और राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के उद्देश्यों की जीवंत झलक हैं।
इस गतिविधि से क्या सीखते हैं बच्चे?
यह मिट्टी की गतिविधि भले ही सरल दिखे, लेकिन यह कई महत्वपूर्ण शिक्षण कौशलों से भरी है:
समस्या समाधान और तार्किक सोच:
बच्चों को पहले यह सोचना होता है कि वे क्या बनाएँगे, फिर उसे आकार देना, संतुलन बनाना, और समस्याओं का समाधान करना — यह सब उनकी सोचने और सीखने की क्षमता को मजबूत करता है।
रचनात्मकता और नवाचार:
मिट्टी उनके लिए एक खुला माध्यम है। कुछ बच्चे बर्तन बनाते हैं, कुछ बेलन, तो कुछ आकार (जैसे घन, शंकु, पिरामिड)। यह डिजाइन थिंकिंग की शुरुआत है।

अवधारणाओं की स्पष्टता:
गणित के आकार (त्रिभुज, शंकु, बेलन), इतिहास (प्राचीन लेखन शैली), और पर्यावरण (प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग) को बच्चे हाथों से महसूस करते हैं — यह अनुभवात्मक शिक्षा है।
NEP 2020 के अनुरूप बाल-केंद्रित शिक्षा
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का उद्देश्य rote learning (रटंत विद्या) से हटकर खेल आधारित, खोज आधारित और अनुभव आधारित शिक्षा को बढ़ावा देना है। यह गतिविधि इन सभी उद्देश्यों को साकार करती है:
बहु-विषयी शिक्षण: कला, गणित, इतिहास, पर्यावरण और भाषा का समावेश।
आनंददायक शिक्षा: रचनात्मकता से बच्चों में आत्मविश्वास और रुचि का विकास।
समान अवसर: सभी बच्चे बिना किसी प्रतिस्पर्धा के भागीदारी कर पाते हैं।
सांस्कृतिक जुड़ाव: मिट्टी जैसी पारंपरिक वस्तु से बच्चों को भारतीय विरासत से जोड़ना।
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