top of page
Search

डॉ. अतुल बमराड़ा और प्रो. अनिल नौटियाल का शोध शिक्षा 5.0 में समाज की भूमिका पर केंद्रित

अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रिका अनुसंधान अन्वेषिका में प्रकाशित एक नवीन शोध-पत्र ने शिक्षा 5.0 के युग में समाज की निर्णायक भूमिका को रेखांकित किया है। डॉ. अतुल बमराड़ा (शिक्षा विभाग, उत्तराखंड शासन) और प्रो. अनिल नौटियाल (शिक्षा विभाग - एच.एन.बी. गढ़वाल विश्वविद्यालय) द्वारा लिखित शोध-पत्र “शिक्षा 5.0 के युग में समाज की भूमिका : पौड़ी गढ़वाल का एक अध्ययन” यह दर्शाता है कि परिवार, विद्यालय और समुदाय यदि एक साथ कार्य करें तो शिक्षार्थियों का सर्वांगीण विकास संभव है।

ree

शोध के अनुसार शिक्षक, अभिभावक और विद्यार्थियों के बीच निरंतर संवाद से जीवन कौशल, सकारात्मक मूल्य और बौद्धिक विकास को प्रोत्साहन मिलता है। अध्ययन में यह भी पाया गया कि जिन विद्यालयों में समुदाय की सक्रिय भागीदारी होती है, वहाँ छात्रों की उपलब्धि अधिक, मूल्यबोध बेहतर और नामांकन दर ऊँची रहती है। लेखकों का कहना है – “देश में सभी बच्चों की आधारभूत शिक्षा में सुधार की कल्पना संस्थाओं, शिक्षकों, अभिभावकों और समाज की सक्रिय भागीदारी के बिना नहीं की जा सकती।”


ree

पौड़ी गढ़वाल जिले पर आधारित यह केस स्टडी बताती है कि विद्यालय और समाज के बीच सहयोग ने विद्यार्थियों के अधिगम परिणामों को उल्लेखनीय रूप से सुधारा है। शोधकर्ताओं ने सुझाव दिया है कि विद्यालयों में सामुदायिक संवाद योजना, व्यावहारिक अनुभव और अभिभावक सहभागिता को संस्थागत रूप दिया जाना चाहिए। यह शोध-पत्र अनुसंधान अन्वेषिका के जुलाई 2025 अंक में प्रकाशित हुआ है और यह स्पष्ट करता है कि शिक्षा 5.0 के दौर में समाज केवल सहयोगी ही नहीं बल्कि शिक्षार्थियों के सर्वांगीण व्यक्तित्व निर्माण का प्रेरक तत्व है


 
 
 

Comments


  • Facebook
  • Twitter
  • YouTube
  • Instagram
bottom of page