डॉ. अतुल बमराडा, श्री जगमोहन सिंह कठैत एवं श्रीमती रेनू का शोध पत्र ‘प्राथमिक शिक्षक’ पत्रिका के जुलाई 2025 अंक के लिए चयनित
- PS Chaurnkhal

- Nov 8
- 2 min read
Updated: Nov 13
एनसीईआरटी, नई दिल्ली द्वारा प्रकाशित प्रतिष्ठित शैक्षिक पत्रिका में उत्तराखण्ड के शिक्षकों का शोध शामिल
राजकीय प्राथमिक विद्यालय चौंरखाल में कार्यरत डॉ. अतुल बमराडा, एवं जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान पौड़ी गढ़वाल में कार्यरत प्रवक्ता श्री जगमोहन सिंह कठैत एवं श्रीमती रेनू द्वारा संयुक्त रूप से तैयार किया गया शोध लेख “राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत शिक्षक प्रशिक्षण एवं इसका एफएलएन प्रक्रियाओं पर प्रभाव” प्रतिष्ठित राष्ट्रीय शैक्षिक पत्रिका ‘प्राथमिक शिक्षक’ के जुलाई 2025 अंक के लिए स्वीकृत किया गया है। यह पत्रिका राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी), नई दिल्ली द्वारा प्रकाशित की जाती है।

शोध का उद्देश्य
यह अध्ययन राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) के अंतर्गत शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रमों की प्रभावशीलता तथा उनके माध्यम से Foundational Literacy and Numeracy (FLN) लक्ष्यों की प्राप्ति पर केंद्रित है। विशेष रूप से इसमें लैंगिक दृष्टिकोण (Gender Perspective) को आधार बनाकर यह विश्लेषण किया गया है कि किस प्रकार प्रशिक्षण की गुणवत्ता और शिक्षण में संवेदनशील दृष्टिकोण अपनाने से अधिगम के परिणामों में सुधार होता है। शोध में यह भी दर्शाया गया है कि प्रशिक्षित शिक्षक जब अनुभवात्मक अधिगम (Experiential Learning), आनंदमय शिक्षण (Joyful Learning), कला समेकन (Art-integrated Learning) और भारतीय ज्ञान प्रणाली (Indian Knowledge System) को अपनी कक्षाओं में समाहित करते हैं, तो छात्र-छात्राओं की सीखने की गति और बुनियादी समझ (FLN) में उल्लेखनीय सुधार होता है।
संयुक्त लेखकों की भूमिका
इस शोध कार्य में -
डॉ. अतुल बमराडा ने अध्ययन की रूपरेखा तैयार करने, सैद्धांतिक आधार निर्माण, आंकड़ों का सांख्यिकीय विश्लेषण एवं निष्कर्ष विश्लेषण में नेतृत्व किया।
श्री जगमोहन सिंह कठैत ने फील्ड डेटा संकलन और तुलनात्मक अध्ययन का कार्य किया।
श्रीमती रेनू ने लैंगिक समानता, शिक्षण में संवेदनशीलता और नीति अनुशंसाओं के क्षेत्र में योगदान दिया।

पत्रिका में चयन का महत्व
एनसीईआरटी द्वारा प्रकाशित ‘प्राथमिक शिक्षक’ पत्रिका देश की अग्रणी शैक्षिक पत्रिकाओं में से एक है, जो शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार, अनुसंधान और नीतिगत विश्लेषण पर आधारित प्रामाणिक सामग्री प्रकाशित करती है। संपादकीय बोर्ड द्वारा यह सूचित किया गया है कि यह शोध लेख जुलाई 2025 अंक में प्रकाशित किया जाएगा तथा प्रकाशन के पश्चात यह एनसीईआरटी की आधिकारिक वेबसाइट पर भी उपलब्ध रहेगा, ताकि देशभर के शिक्षक-प्रशिक्षक, शोधार्थी और शिक्षा नीति विशेषज्ञ इसे संदर्भ सामग्री के रूप में उपयोग कर सकें।
शोध की प्रासंगिकता और प्रभाव
यह शोध शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों के लिए दिशा-निर्देशक के रूप में कार्य करेगा। इसमें प्राप्त निष्कर्ष दर्शाते हैं कि यदि प्रशिक्षण कार्यक्रमों में लैंगिक समानता, स्थानीय संदर्भ, और अनुभवात्मक अधिगम जैसे पहलुओं को प्राथमिकता दी जाए तो NEP 2020 के FLN लक्ष्यों की प्राप्ति को वास्तविक रूप से सशक्त किया जा सकता है।

इस उल्लेखनीय उपलब्धि पर शिक्षा विभाग के अधिकारियों, शिक्षकों तथा सहकर्मियों ने तीनों लेखकों डॉ. अतुल बमराडा, श्री जगमोहन सिंह कठैत एवं श्रीमती रेनू को हार्दिक बधाई दी है। यह उपलब्धि न केवल उत्तराखण्ड के लिए गौरव का विषय है, बल्कि यह इस तथ्य को भी रेखांकित करती है कि राज्य के शिक्षक अब शोध, नवाचार और नीति-आधारित शैक्षिक सुधारों में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं।







Comments